World Trade Organization
)इसकी नींव ब्रिटेन बूट्स कांफ्रेंस के दौरान रखी गई इसमें तीन नई संस्था के विचार रखे गए जिसमें आईबीआरडी आईएमएफ और ITO . ब्रिटेन वुड्स कांग्रेस के दौरान यह स्पष्ट रखा गया एक ऐसी संस्था बनाई जाए जो विश्व स्तर पर व्यापार की देखरेख करें जिसमें ITO को इस संस्था के
रूप में मंजूरी दी गई और 1948 मैं हवाना कांफ्रेंस के दौरान एक ड्राफ्ट पारित किया गया जिसे हवाना चार्टर का नाम दिया गया 56 में से 53 देशों ने हवाना चार्टर पर हस्ताक्षर कर दिए लेकिन 1950 के दौरान uSA ने हवाना चार्टर पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया जिससे ITO नहीं किया जा सका लागू नहीं हुआ
GATT:
जब iTO को बनाने का कार्य चल रहा था उस समय विश्व व्यापार को ऑर्गेनाइज करने के लिए 23 देशों ने मिलकर 1948 में एक एग्रीमेंट साइन किया वीडियो जिसे जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ काम दिया गया और जब uSA ने हवाना एग्रीमेंट पर साइन करने से मना कर दिया और यह स्पष्ट हो गया कि ITO नहीं बनने जा रहा तो इन देशों ने मिलकर जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ को ही विश्व व्यापार का आधार मान लिया जिसमें शामिल देशों को कॉन्ट्रैक्ट पार्टी इसका गया. गेट वस्तुओं पर कर तक ही सीमित थागेट गेट में एग्रीकल्चर और टेक्सटाइल कोई स्थान नहीं दिया गया
गेट के उरुग्वे राउंड के दौरान यह निश्चित किया गया कि गेट का स्थान पर वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन को बनाया जाएगा
वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन(
World Trade Organization)
को गेट के स्थान पर क्यों लाया गया
जैसा कि हम जानते हैं कि गेट सिर्फ टैरिफ बैरियर तक ही सीमित था लेकिन विश्व व्यापार स्तर पर देश नोन टैरिफ बैरियर मैं भी व्यापार करते थे 1970 तक आते-आते देशों ने टैरिफ बैरियर तो कम कर दिए नॉन टैरिफ बैरियर बढ़ा दिया . दूसरा कारण गेट का सिर्फ वस्तु पर व्यापार होना था जबकि 1980 सेवाओं का व्यापार अधिक बढ़ गया था जिससे एक नई संस्था वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन बनाने की जरूरत महसूस हुई जो इन सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके
फंडामेंटल प्रिंसिपल ऑफ डब्ल्यूटीओ
RECIPOCITY: अगर कोई देश दूसरे देश के लिए ट्रेड बैरियर कम कर रहा है तो दूसरे देश को भी उस देश के लिए ट्रेड बैरियर कम करने होंगे
MOST FAVORD NATION :मोस्ट फेवर्ड नेशन इसके अंतर्गत अगर कोई देश किसी देश को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देता है तो उस देश को अपने साथी व्यापारिक देशों के साथ वैसा ही व्यवहार करना होगा जैसा कि अपने मोस्ट फेवर्ड नेशन के साथ कर रहा है
NATIONAL TREATMENT: नेशनल ट्रीटमेंट इसका मतलब है कि यदि बाजार में कोई वस्तु जो लोकल स्तर पर बनाई गई पहले से ही मौजूद हो तथा वही वस्तु किसी दूसरे देश से खरीद कर बाजार में लाई गई हो तो दोनों वस्तुओं के बीच कोई भी भेदभाव नहीं होगा
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