जेरूसलम सिटी को लेकर विवाद इजराइल और फिलिस्तीन में है इजराइल जेरूसलम को अपनी राजधानी बताता है क्योंकि इसराइल के प्रमुख इंस्टिट्यूशन सभी जेरूसलम में है लेकिन दुनिया के ज्यादातर देशों का मानना है कि जेरूसलम इजराइल की राजधानी नहीं है यह इन
दोनों देशों के बीच एक विवादित मुद्दा है इसीलिए सभी सभी देश को इजराइल को इजराइल की राजधानी मानते हैं क्योंकि वहां पर सभी देशों की एंबेसी मौजूद है
6 दिसंबर को यूएस ने फैसला लिया की जेरूसलम को इजराइल की राजधानी बनाया जाएगा लेकिन दुनिया के बाकी देशों ने यूएस के इस फैसले का विरोध किया क्योंकि सभी देशों को लगता है कि अगर ऐसा हुआ तो यह एक बड़ा विवाद साबित हो सकता है जिससे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति बनाए रखने की कोशिशें को गहरा धक्का लग सकता है
यूएस की इन सभी कोशिशों को विरोध करने के लिए यूएन द्वारा एक रिजोल्यूशन लाया गया और इस रिजर्वेशन में कहा गया की इजरायल और फिलिस्तीन के बीच यरुशलम के विवाद को बातचीत से निपटाने की कोशिश की जाए इस रिजर्वेशन के लिए जब यूएन असेंबली में वोटिंग डाली गई तो 128 देशों ने इस इस रिजोल्यूशन के समर्थन में वोट दिया तथा 21 देशों ने अपना वोट किसी भी पक्ष में नहीं दिया केवल 9 देशों ने इसके विरोध में अपना वोट दिया
USA ने इस रेवोल्यूशन के पक्ष में वोट देने वाले देशों को धमकी दी थी कि यदि वह अपना वोट इसके पक्ष में देंगे तो वह उन्हें देने वाली सहायता राशि को बंद कर देगा uSA ने यूएन को देने वाली सहायता राशि में भी कटौती करने की बात कही थी इसके बावजूद 128 देशों ने इसके पक्ष में वोट डाला
भारत इजराइल और भारत USA के के अच्छे रिश्ते के बावजूद भारत ने इस रेजुलेशन के पक्ष में वोट डाला क्योंकि भारत जानता था कि इस रिजर्वेशन के पक्ष में वोट डालने पर भी भारत और इजराइल के बीच जो रिश्ते हैं वह खराब नहीं होंगे क्योंकि जितना भारत को इजराइल की आवश्यकता है उतनी ही इसराइल को भारत की आवश्यकता है क्योंकि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और इजराइल की इस बड़ी अर्थव्यवस्था का फायदा उठाना चाहता है और दूसरी बात भारत-इजराइल से बहुत सारे घातक हथियारों का आयात करता है अगले साल इजरायल के प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आने वाले हैं
दोनों देशों के बीच एक विवादित मुद्दा है इसीलिए सभी सभी देश को इजराइल को इजराइल की राजधानी मानते हैं क्योंकि वहां पर सभी देशों की एंबेसी मौजूद है
6 दिसंबर को यूएस ने फैसला लिया की जेरूसलम को इजराइल की राजधानी बनाया जाएगा लेकिन दुनिया के बाकी देशों ने यूएस के इस फैसले का विरोध किया क्योंकि सभी देशों को लगता है कि अगर ऐसा हुआ तो यह एक बड़ा विवाद साबित हो सकता है जिससे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति बनाए रखने की कोशिशें को गहरा धक्का लग सकता है
यूएस की इन सभी कोशिशों को विरोध करने के लिए यूएन द्वारा एक रिजोल्यूशन लाया गया और इस रिजर्वेशन में कहा गया की इजरायल और फिलिस्तीन के बीच यरुशलम के विवाद को बातचीत से निपटाने की कोशिश की जाए इस रिजर्वेशन के लिए जब यूएन असेंबली में वोटिंग डाली गई तो 128 देशों ने इस इस रिजोल्यूशन के समर्थन में वोट दिया तथा 21 देशों ने अपना वोट किसी भी पक्ष में नहीं दिया केवल 9 देशों ने इसके विरोध में अपना वोट दिया
USA ने इस रेवोल्यूशन के पक्ष में वोट देने वाले देशों को धमकी दी थी कि यदि वह अपना वोट इसके पक्ष में देंगे तो वह उन्हें देने वाली सहायता राशि को बंद कर देगा uSA ने यूएन को देने वाली सहायता राशि में भी कटौती करने की बात कही थी इसके बावजूद 128 देशों ने इसके पक्ष में वोट डाला
भारत इजराइल और भारत USA के के अच्छे रिश्ते के बावजूद भारत ने इस रेजुलेशन के पक्ष में वोट डाला क्योंकि भारत जानता था कि इस रिजर्वेशन के पक्ष में वोट डालने पर भी भारत और इजराइल के बीच जो रिश्ते हैं वह खराब नहीं होंगे क्योंकि जितना भारत को इजराइल की आवश्यकता है उतनी ही इसराइल को भारत की आवश्यकता है क्योंकि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और इजराइल की इस बड़ी अर्थव्यवस्था का फायदा उठाना चाहता है और दूसरी बात भारत-इजराइल से बहुत सारे घातक हथियारों का आयात करता है अगले साल इजरायल के प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आने वाले हैं
Comments
Post a Comment