15वी फाइनेंस कमीशन
अनुच्छेद 280 के तहत राष्ट्रपति ने फाइनेंस कमीशन को गठित कर दिया है, इस कमीशन का कार्य केंद्र और राज्यों के बीच कर का बटवारा करना है जिसमें केंद्र को58 प्रतिशत और राज्यों को 42% कार प्रदान करना है
15 फाइनेंस कमीशन चेयरमैन एन के सिंह,सेक्रेटरी अरविंद मेहता है इसके अन्य शक्तिकांत दास अनूप सिंह रमेश चंद अशोक लहरी हैं
अक्टूबर 2019 तक इस कमीशन को अपनी रिकमेंडेशन शॉप ली है तथा 2020 से यह रिकमेंडेशन लागू होनी है जो कि मार्च 2025 तक लागू रहनी है
इतिहास
फाइनेंस कमीशन की 14 रिकमेंडेशन में स्टेट को दिए जाने वाले 32% हिस्से को बढ़ाकर 42% करने की मांग की गई थी जिसको केंद्र सरकार ने स् स्वीकार कर लिया| और केंद्र सरकार द्वारा कहा गया कि हम ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते हैं केंद्र और राज्य एक साथ मिलकर देश को आगे ले जाएं हम राज्यों को मजबूत बनाना चाहते हैं|
लेकिन 15 लेकिन रिकमेंडेशन में वापस से 42% को घटाकर 32% करने की सलाह दी गई है क्योंकि केंद्र सरकार का कहना है राज्य को देने के लिए इतना धन नहीं है सुरक्षा स्वास्थ्य और विकास के लिए धन की आवश्यकता है|
लेकिन देखा जाए तो यह राज्य के विकास के लिए सही कदम नहीं है राज्यों को विकास के लिए अपने पैसों की जरूरत होती इस पर राज्य और केंद्र को मिलकर विचार करना चाहिए जैसा कि उन्होंने जीएसटी को लागू करने से पहले किए थे|
सरकार ने इस फाइनेंस कमीशन को एक ऐसा फार्मूला बनाने के लिए कहा है जिससे जो राज्य पापुलेशन ग्रोथ को रोकने जीएसटी के क्रम में वृद्धि मैं अच्छा कार्य करता है उस राज्य को कुछ लाभ केंद्र सरकार की ओर से दिया जाए|
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