MORDERN HISTORY PART 1
1498
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1.Portugues comes to india (vasko de gama )
वास्को डी गामा कालीकट के तट पर
आया। यहा पर जमोरिन ने इसका स्वागत किया।
पुर्तगालियो ने नेवी मे CARTAZE(अरब सागर मे लिया
जाना वाला टोल टैक्स) AND
FEITORIAS (समुद्री पोर्ट पर लिया
जाने वाला कर) लगाये थे ।
1612 मे BATTLE OF SWALLY मे अंग्रेजो ने इनको दीप दमन व गोवा मे समेट दिया ।
ये
लोग भारत मे टमाटर, आलू, तम्बाकू, लाल मिर्च, पाइन एप्पल लाये।
अबुल माजिद ने वास्को डी गामा की मदद की थी।
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1503
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1.
First portugues factory in surat
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1600
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1.
British comes to india
1599 मे JOHN MILDENHALL जमीन के रास्ते भारत आया।
1600 QUEEN ELIGABETH ने CHARTER को मे CAPE OF GOOD HOPE के EAST व्यापार करने के
लिए भेजा।
1608 मे जहागीर के समय मे CAPTAIN WILLIAM HAWKINS आया।
1609 मे जहागीर ने सुरत मे FACTORY अनुमति दे दी
1613 मे EAST INDIA COMPANY ने सुरत मे अपनी पहली FACTORY स्थापित की
1615 मे SIR THOMAS ROE मुगल दरबार मे आया। जिससे
आन्तरिक कर से अंग्रेजो को मुक्ति मिल गयी ।
1616 मे मुस्ललीपट्टनम मे FACTORY बनाते है
1632 मे गोलाकुंडा मे व्यापार का अधिकार मिल
गया ।
1651 मे SHUJA UD DIN बंगाल मे कर देकर व्यापार की अनुमति दे देता
है।
1662 अंग्रेजो को पुर्तगालियो मुम्बई शहर दहेज मे
दे दिया।
1691 मे औरंगजेब ने बंगाल मे कम्पनी को सभी
करो से मुक्त कर दिया।
1717 मे फारुख सियार ने कम्पनी को मुगल
सामाज्र मे कही भी व्यापार करने अपने सिक्के बनाने कि अनुमति दे दी ।
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1602
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1.
Dutch comes to india
डच ने पुर्तगालियो को यूरोप और इंड्या मे
सिमित कर दिया.
1759 मे BATTLE OF BEDARA मे अंग्रजो ने इन्हे भारत
से भगा दिया।
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1664
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1.
French comes to india
लुई 14 ने अपने मंत्री COLBERT ने व्यापार के लिए
भारत भेजा।
1668 मे इन्होने सुरत मे पहली FACTORY लगाई
1669 मे दुसरी FACTORY मुस्ललीपट्टनम मे लगाई ।
1674 मे पॉडिचरी और चन्द्रनगर मे अपने पोर्ट
बनाये।
1742 मे लार्ड डूप्ले भारत आया
1746-1748(पहला आग्ल-फ्रेच युद्ध (CARNATIC WAR ))लार्ज डुपले बनाम राबर्ट क्लाइव
डुप्ले ने मद्रास पर कब्जा कर लिया जिससे
अंगेजो ने पाडिचरी पर हमला कर दिया। लेकिन पांडिचरी मे अंगेज हार गये जिससे संधि
कर फ्रेंच को क्यूबे(कनाडा) फ्रेंच को दे दिया।
1749-1754 (दुसरा आग्ल-फ्रेच युद्ध (CARNATIC WAR) फ्रेंच CARNATIC CAPITAL ARCOT
पर हमला कर देते है। अग्रेंजो ने फ्रेंच को
वहा से भगा दिया। आरकोट मे से अंग्रेज और हैदराबाद मे से फ्रेंच आपस मे PROXY WAR करते है ।
1754 मे लार्ड डुप्ले को फ्रांस वापस बुला
लिया जाता है और उसकी जगह GODHU आता है जो अंग्रेजो के सा पांडिचरी की संधि करता है।
1756-1763 (तीसरा आग्ल-फ्रेच युद्ध (CARNATIC WAR): राबर्ट क्लाईव बंगाल मे फ्रेंच के चन्द्रनगर पर कब्जा कर लेता है तो
पांडिचरी के गवर्नर ने चेन्नई के सेंट डेविड पोर्ट पर कब्जा कर लेते है।
22 जनवरी 1960 मे फ्रेंच हार जाते है।
1763 मे युद्ध के बाद पेरिस की संधि होती है।
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