1. 12 जनवरी 2017 को केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना “स्वच्छ भारत मिशन” को अधिक प्रभावी बनाने हेतु सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक रघुनाथ अनंत माशेलकर की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया। यह समिति ठोस अपशिष्टों की पहचान करने, साफ सफाई, सीवरेज और पानी की आपूर्ति प्रबंधन जैसे क्षेत्रों पर उचित प्रौद्योगिकी सिफारिश करने हेतु गठित की गई है। हमें ध्यान देना चाहिए कि इस समिति की सिफारिश स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को वर्ष 2019 तक प्राप्त करने के लिए की गई है।
2.11 जनवरी 2017 को देश में कुत्ते प्रजनकों और उनके विपणक संबंधित पूरी प्रक्रिया को जवाबदेह बनाने हेतु पशु क्रूरता निवारण (कुत्ता प्रजनन और विपणन नियम), 2016 पर मसौदा अधिसूचना प्रस्तुत की गई। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पशु क्रूरता निवारण (कुत्ता प्रजनन और विपणन नियम), 2016 मसौदा अधिसूचना पर सार्वजनिक सूचना के माध्यम से जनता की टिप्पणीयां आमंत्रित की है। हमें ध्यान देना चाहिए कि वर्तमान समय में देश में पशु प्रजनकों और प्रतिष्ठानों के लिए आवश्यक पंजीकरण संबंधित कोई भी नियम नहीं है।
3.वर्ष 1956 में जर्मनी में पंजीकृत एंडोसल्फान विश्व के सबसे जहरीले कीटनाशकों में से एक है। 90 के दशक में उच्च विषाक्तता के कारण इसे 80 से अधिक देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया। वर्ष 2012 में केंद्र और केरल सरकार के विरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने एंडोसल्फान उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। 6 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को 3 महीने के भीतर एंडोसल्फान कीटनाशक प्रभावित 5000 से अधिक लोगों को मुआवजे के रुप में 500 करोड़ रुपए जारी करने के आदेश दिए।
4.दक्षिण चीन सागर में कुछ सौ छोटे द्वीपों का समूह, प्रशांत महासागर का एक हिस्सा है। इन छोटे द्वीप समूह पर कई संप्रभु राज्यों द्वारा दावा किए जाने पर दक्षिण चीन सागर विवाद उत्पन्न हुआ। यह प्रमुख संप्रभु राज्य है: चीन, ब्रुनेई, ताइवान, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस। चीन द्वारा इन सभी द्वीपों पर अपना समुद्री और सामरिक दावा पेश किया गया जबकि वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई, फिलीपींस और ताइवान द्वारा प्रतिद्वंदी दावा पेश किया गया। 10 जनवरी 2017 को चीनी पनडुब्बी का मलेशियाई बंदरगाह पर रुकना दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन और मलेशिया की समान विचारधारा को प्रतिबिंबित करता है।
5. 11 जनवरी 2017 को नॉर्वे ने अपने देश में एफएम रेडियो प्रसारण पूर्णतया बंद कर दिया। इस घोषणा के उपरांत नॉर्वे विश्व का प्रथम देश बन गया, जहां एफएम रेडियो प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया गया। हमें ध्यान देना चाहिए कि नॉर्वे सरकार द्वारा एफएम रेडियो के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के पीछे मुख्य कारण आम जनता को मोबाइल कम्युनिकेशन के दौरान बेहतर रेडियो आवृति उपलब्ध कराना है।
2.11 जनवरी 2017 को देश में कुत्ते प्रजनकों और उनके विपणक संबंधित पूरी प्रक्रिया को जवाबदेह बनाने हेतु पशु क्रूरता निवारण (कुत्ता प्रजनन और विपणन नियम), 2016 पर मसौदा अधिसूचना प्रस्तुत की गई। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पशु क्रूरता निवारण (कुत्ता प्रजनन और विपणन नियम), 2016 मसौदा अधिसूचना पर सार्वजनिक सूचना के माध्यम से जनता की टिप्पणीयां आमंत्रित की है। हमें ध्यान देना चाहिए कि वर्तमान समय में देश में पशु प्रजनकों और प्रतिष्ठानों के लिए आवश्यक पंजीकरण संबंधित कोई भी नियम नहीं है।
3.वर्ष 1956 में जर्मनी में पंजीकृत एंडोसल्फान विश्व के सबसे जहरीले कीटनाशकों में से एक है। 90 के दशक में उच्च विषाक्तता के कारण इसे 80 से अधिक देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया। वर्ष 2012 में केंद्र और केरल सरकार के विरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने एंडोसल्फान उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। 6 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को 3 महीने के भीतर एंडोसल्फान कीटनाशक प्रभावित 5000 से अधिक लोगों को मुआवजे के रुप में 500 करोड़ रुपए जारी करने के आदेश दिए।
4.दक्षिण चीन सागर में कुछ सौ छोटे द्वीपों का समूह, प्रशांत महासागर का एक हिस्सा है। इन छोटे द्वीप समूह पर कई संप्रभु राज्यों द्वारा दावा किए जाने पर दक्षिण चीन सागर विवाद उत्पन्न हुआ। यह प्रमुख संप्रभु राज्य है: चीन, ब्रुनेई, ताइवान, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस। चीन द्वारा इन सभी द्वीपों पर अपना समुद्री और सामरिक दावा पेश किया गया जबकि वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई, फिलीपींस और ताइवान द्वारा प्रतिद्वंदी दावा पेश किया गया। 10 जनवरी 2017 को चीनी पनडुब्बी का मलेशियाई बंदरगाह पर रुकना दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन और मलेशिया की समान विचारधारा को प्रतिबिंबित करता है।
5. 11 जनवरी 2017 को नॉर्वे ने अपने देश में एफएम रेडियो प्रसारण पूर्णतया बंद कर दिया। इस घोषणा के उपरांत नॉर्वे विश्व का प्रथम देश बन गया, जहां एफएम रेडियो प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया गया। हमें ध्यान देना चाहिए कि नॉर्वे सरकार द्वारा एफएम रेडियो के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के पीछे मुख्य कारण आम जनता को मोबाइल कम्युनिकेशन के दौरान बेहतर रेडियो आवृति उपलब्ध कराना है।
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